Eye Flu: आई फ्लू क्या है? जानें इसके लक्षण, कारण, बचाव और इलाज

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आई फ्लू क्या है

बाढ़ और बारिश के कारण इन दिनों आँखों की बीमारी तेजी से फैल रही है। आई फ्लू को मेडिकल भाषा में “कंजंक्टिवाइटिस” और “पिंक आई” भी कहा जाता है। आम लोगों की भाषा में इसे “आंख आना” भी कहते हैं। आई फ्लू का संक्रमण हर साल लाखों लोगों को प्रभावित करता है। इस बीमारी में सही समय पर बचाव और इलाज न मिलने के कारण आंखों को गंभीर नुकसान हो सकता है। आइए आसान भाषा में जानें आखिर आई फ्लू क्या है और यह संक्रमण कैसे फैलता है.

आई फ्लू क्या है?

आई फ्लू एक संक्रामक बीमारी है जो आँख के कंजंक्टिवा (आँख के लाल भाग) और आँख के सफेद भाग को प्रभावित करती है। यह बीमारी वायरस और बैक्टीरिया के संक्रमण से हो सकती है और संक्रमित व्यक्ति से सीधे संपर्क में आने के कारण आपको भी यह बीमारी हो सकती है। आई फ्लू के लक्षणों में लाल और सूजी हुई आंखें, आंख से पानी या आंसू आना, जलन और खराश महसूस करना शामिल होता है।

आई फ्लू के लक्षण

  • आंखों में कीचड़ ज्यादा आना
  • आंखों का लाल होना
  • सुबह उठने पर आंखों का चिपकना
  • आंखों में सूजन
  • आंख दर्द की समस्या
  • आंख से पानी आना और खुजली

आई फ्लू का इलाज

लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें, खुद से दवा न लें। चिकित्सक मरीज की स्थिति और लक्षणों के आधार पर दवाओं के इस्तेमाल की सलाह देते हैं। ऐसे लोग जो गंभीर रूप से संक्रमित होते हैं, उन्हें कुछ हाई डोज वाली दवाओं के इस्तेमाल की सलाह दी जा सकती है।

आमतौर पर संक्रमण रोकने के लिए चिकित्सक एंटीबायोटिक दवाओं और ड्रॉप्स का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। हॉट और कोल्ड कंप्रेस से भी इस समस्या में आराम मिलता है। इसके अलावा, बाहर निकलते समय काला चश्मा लगाने की सलाह दी जाती है।

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आई फ्लू से कैसे बचें ?

चूंकि, आई फ्लू का खतरा बारिश के मौसम में ज्यादा बढ़ जाता है। इसलिए बारिश के समय लोगों को साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है। नियमित रूप से हाथ को साबुन से धोने से आप संक्रमण से बच सकते हैं।

ज्यादातर लोगों में यह संक्रमण हाथों के माध्यम से ही फैलता है। गंदे हाथ से आंखों को छूने से बचना चाहिए। इसके अलावा कपड़े, तौलिया, टूथब्रश और मेकअप की चीजें दूसरों के साथ शेयर न करें।

अगर आप सार्वजानिक जगहों पर जाते हैं, तो संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए दरवाजों के हैंडल, या किसी भी सतह को छूने से बचें। अगर आप इन चीजों को छूते हैं, तो हाथों को साबुन से धो लें। इसके अलावा आई फ्लू से बचने के लिए आंखों पर काला चश्मा या सनग्लास लगाएं।

क्या संक्रमित व्यक्ति को देखने से आई फ्लू फैल सकता है ?

आंख से आंख संपर्क से आई फ्लू फैलने का खतरा बहुत कम है। आई फ्लू वायरस और बैक्टीरिया आम तौर पर छींकने या खांसने से फैलते हैं और इन विषाणुओं या कीटाणुओं का संपर्क हाथों और नाक से होता है।

यदि कोई व्यक्ति आई फ्लू से संक्रमित है और वे आपसी बातचीत के दौरान खांसते या छींकते हैं, तो छोटे बूँदों के माध्यम से आई फ्लू का संक्रमण हो सकता है। हालांकि, यह एक बहुत ही अल्प अवसर होता है और आम तौर पर संक्रमित व्यक्ति को देखने से आई फ्लू फैलने का खतरा कम होता है।

संक्रमित व्यक्ति को अधिकतम खतरा उन लोगों को होता है जो खांसी या छींकने वाले संक्रमित व्यक्ति के पास निकटतम होते हैं, खासतौर पर १० फीट की दूरी से। इसलिए, आंखों से आंख संपर्क से बचकर और साबुन से बार-बार हाथ धोकर संक्रमण से बचना सबसे अच्छा उपाय है।

आई फ्लू (Influenza) से संबंधित 10 आंकड़े:

  1. प्रति वर्ष विश्वभर में आई फ्लू के लगभग 1 अरब से अधिक मामले रिपोर्ट होते हैं। (स्रोत: विश्व स्वास्थ्य संगठन – WHO)
  2. आई फ्लू से संबंधित अधिकांश मृत्यु घातक वयस्कों और 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में होती है। (स्रोत: विश्व स्वास्थ्य संगठन – WHO)
  3. विश्वभर में आई फ्लू से हर साल लगभग 3 लाख से 5 लाख लोगों की मृत्यु होती है। (स्रोत: विश्व स्वास्थ्य संगठन – WHO)
  4. भारत में वार्षिक आई फ्लू के मामले के आंकड़े काफी उच्च हैं, जिनमें लगभग 10 से 30% के बीच लोग इस संक्रमण का शिकार होते हैं। (स्रोत: भारतीय नीति विज्ञान संस्थान – ICMR)
  5. आई फ्लू के कारण होने वाली नगण्यता के कारण, भारत में संक्रमण की सख्ती का अध्ययन और जांच दुरुस्तीकरण ज्यादा नहीं हो पाता। (स्रोत: भारतीय नीति विज्ञान संस्थान – ICMR)
  6. साल 1918 की “स्पैनिश फ्लू” पांडेमिक में आई फ्लू के कारण विश्वभर में लगभग 5 करोड़ से 5.5 करोड़ लोगों की मृत्यु हुई थी।
  7. आई फ्लू वैक्सीन के विकास और व्यापक उपयोग के बाद, प्रति वर्ष वैक्सीन के उपयोग से लगभग 3 करोड़ से 5 करोड़ मौतें रोकी जा सकती हैं। (स्रोत: विश्व स्वास्थ्य संगठन – WHO)
  8. वैक्सीनेशन द्वारा समाज के अधिकांश लोगों को संक्रमण से बचाने में मदद मिलती है और यह एक महत्वपूर्ण साधन है जो सार्वजनिक स्वास्थ्य उद्देश्यों को पूरा करता है।
  9. स्वस्थ आदतों के पालन, स्वच्छता, साबुन और पानी से हाथ धोने, शीत मौसम में बचाव के उपाय अपनाने और चिकित्सा व्यवस्था से सही सलाह लेने से आई फ्लू जैसे संक्रमण से बचा जा सकता है।
  10. आई फ्लू से बचने के लिए अधिकतर संक्रमित व्यक्तियों से संपर्क से बचें, साबुन से नियमित रूप से हाथ धोएं, आंखों को छूने के बाद चेहरे या दस्तर्दार वस्त्र को न छूें, और आई फ्लू के लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सक की सलाह लें।

जब कोई संक्रमित व्यक्ति, आंख को छूने के बाद उसी हाथ से दरवाजे, तौलिए तथा अन्य घर के सामानको छूता है तो इस वजह से संक्रमण फैलता है I

NOTE : उपयुक्त सलाह आई स्पेशलिस्ट डॉ शिरील संदीप से विचार-विमर्श कर दी गई है I

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