Vishal mega Mart owner success story: आपके आसपास ऐसे कई लोग होंगे जो अक्सर किस्मत को कोसते होंगे। जबकि सच तो यह है कि दृढ़ इच्छाशक्ति और कड़ी मेहनत के दम पर अपनी किस्मत खुद लिखी जा सकती है। विशाल मेगा मार्ट के संस्थापक रामचन्द्र अग्रवाल की कहानी भी कुछ ऐसी ही है दिव्यांग होने के बावजूद जिस तरह उन्होंने एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की कंपनी खड़ी की, वह समाज के लिए एक बड़ी मिसाल है। जानें Vishal mega Mart owner success story विस्तार से।
Vishal mega Mart owner success story
राम चन्द्र अग्रवाल का जन्म एक सामान्य परिवार में हुआ था। वह ठीक से चलना भी नहीं सीख सके और लकवे का शिकार हो गये। परिवार ने बहुत कोशिश की। हालाँकि, वह चल नहीं सकते थे और हमेशा बैसाखी के सहारे रहे। घरवाले उनके भविष्य को लेकर चिंतित थे। लेकिन, रामचन्द्र के मन में तो कुछ और ही चल रहा था। उन्होंने तय कर लिया कि वह हर कीमत पर गरीबी को हराएंगे और समाज में अपना नाम कमाएंगे।
इसके लिए उन्होंने सबसे पहले अपनी पढ़ाई पर फोकस किया। एक बार जब उनकी पढ़ाई पूरी हो गई तो उन्होंने नौकरी की तलाश शुरू कर दी, ताकि घर के खर्च में परिवार की मदद कर सकें। दिव्यांग होने के कारण उनके लिए नौकरी पाना आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने नौकरी जारी रखी। अफसोस की बात यह है कि तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें कहीं नौकरी नहीं मिली। रामचन्द्र के लिए यह कठिन समय था, लेकिन वे टूटे नहीं।
दोस्तों से उधार लेकर फोटोकॉपी दुकान खोले
उन्होंने तय किया कि वह अपना खुद का बिजनेस शुरू करेंगे। इसके लिए उन्होंने अपने कुछ दोस्तों की मदद ली और कुछ पैसे उधार लेकर 1986 में दुकान खोली। यह सफलता की ओर रामचन्द्र का पहला कदम था। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने फोटो कॉपी की दुकान के बाद 1994 में कपड़ा उद्योग में प्रवेश किया। उन्होंने कोलकाता के लाल बाजार में कपड़े की दुकान खोलकर अपनी किस्मत आजमाई।
करीब 15 साल तक इसी तरह काम करने के बाद 2001-02 में उन्होंने विशाल रिटेल की नींव रखी। दृष्टिगत रूप से विशाल रिटेल का विकास हुआ और रामचन्द्र व्यापार जगत में एक बड़ा नाम बन गये। आगे के सफर में उन्होंने विशाल मेगामार्ट की स्थापना की और इस तरह कोरू रुपी के मालिक बन गये। अपने सफर में रामचन्द्र ने एक बुरा दौर भी देखा, जब उनकी कंपनी दिवालिया हो गई।
Vishal mega Mart का विकास
दिवालिया होने बाद यहां तक कि उन्हें अपनी कंपनी का स्टॉक भी बेचना पड़ा। श्री राम ग्रुप ने उनकी कंपनी विशाल रिटेल की हिस्सेदारी खरीदी थी। इस तरह उनकी कंपनी बिकने से तो बच गयी, लेकिन दो हिस्सों में बंट गयी। रामचन्द्र अपनी सूझबूझ से आगे बढ़े और एक बार फिर से खुदरा बाजार में अपनी जमीन बनानी शुरू कर दी है। उनकी कंपनी V2 रिटेल मार्केट भारत के सबसे तेजी से उभरते रिटेल मार्केट में से एक है।
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