Hindi Story for Kids: बच्चों की सर्वश्रेष्ठ कहानियाँ

Twinkle Sinha

Hindi Story for Kids

अगर आप Hindi Story for Kids की तलाश में हैं, तो आप आज सही जगह पर हैं। इस पोस्ट में, हम ऐसी 3 शॉर्ट स्टोरी शेयर कर रहे हैं जो आपको बहुत पसंद आ सकती है। यहाँ हम Hindi Story for Kids साझा कर रहे हैं। हम सभी जानते हैं कि किसी भी आयु के लोगों को कहानियाँ बहुत पसंद आती हैं। खासकर बच्चे तो इन्हें बहुत पसंद करते हैं क्योंकि कहानियाँ उनके लिए मनोरंजन से भरपूर होती हैं और साथ ही साथ उन्हें नयी जानकारी भी मिलती है। कहानियों के माध्यम से हम अपने बच्चों को नयी बातें सिखाते हैं और उनकी सोच को विकसित करने में मदद करते हैं, इससे उनका मानसिक विकास भी होता है।


1. सोने की चिड़िया (The Golden Sparrow)

बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में एक छोटी सी चिड़ी रहती थी। यह चिड़ी खुशहाल और हमेशा हंसती-खेलती रहती थी। लोग उसे देखकर खुश हो जाते थे। वह गाँव के बच्चों के साथ बहुत सारे खेल खेलती थी और उनके साथ बिताया हुआ समय उसके लिए सबसे खास था।

एक दिन, एक राजा उस गाँव के पास गुज़र रहा था। राजा ने सुना कि उस गाँव में एक सुने की चिड़ी रहती है, जो बहुत ही खास है। राजा ने तय किया कि वह चिड़ी उसके पास जाएगी।

राजा ने अपने दरबारी को बुलवाया और उसे चिड़ी को लाने का आदेश दिया। दरबारी गाँव पहुँच कर चिड़ी के पास गया और उसे राजा के पास ले आया।

राजा ने चिड़ी से कहा, “तुम मेरे पास रहोगी और हर दिन सुबह-शाम मेरी सेवा करोगी।”

चिड़ी ने यह सुनकर कहा, “लेकिन आप मुझे अपने खजाने के पास रखेंगे, ना?”

राजा खुशी-खुशी स्वीकार कर लिया और चिड़ी को अपने खजाने के पास रख दिया।

कुछ ही दिनों बाद, चिड़ी बहुत खुश हो गई। वह राजा के साथ हंसती-खेलती थी और उसका सामय खुशियों से भरा हुआ था।

लेकिन जब वह खजाने के पास जाती, तो वह वहाँ के सब गहनों को देखकर दुखी हो जाती। वह समझ गई कि वास्तव में खजाने की चिड़ी होने के बावजूद उसका सच्चा स्थान खजाने में नहीं था।

एक दिन, वह चिड़ी अपने दोस्त गौरी के पास गई और अपनी दुखभरी कहानी सुनाई। गौरी ने उससे कहा, “चिड़ी, तुम्हारे पास वास्तव में कुछ महत्वपूर्ण है, और वह है तुम्हारी सख्त और मस्त मिजाज नैतिकता।”

चिड़ी ने अपनी गलतियों को समझ लिया और राजा के पास वापस जाने का निर्णय किया।

राजा ने उसका स्वागत किया और खजाने की चिड़ी को अपने साथ बिताने की अनुमति दी। चिड़ी फिर से खुश रहने लगी और उसकी सख्त और मस्त मिजाज नैतिकता ने उसे खुशियों का सच्चा मतलब सिखाया।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि अमीरी और संपत्ति केवल भौतिक धन से ही नहीं मिलती। हमारी सख्त और मस्त मिजाज नैतिकता, हमारे सच्चे मित्र, और हमारा खुशहाल मन सबसे महत्वपूर्ण हैं।

इसके साथ ही, यह कहानी हमें यह भी सिखाती है कि हमें हमारे संपत्ति और सामृद्धि का सही उपयोग करना चाहिए और दूसरों की मदद करने में भी खुशी मिलती है।

इस छोटी सी कहानी से हमें जीवन के मूल्यों और मित्रता के महत्व का सबक सिखने को मिलता है। यह एक मनोरंजनीय और सिखाने वाली कहानी है जो बच्चों को नैतिक मूल्यों के बारे में सोचने के लिए प्रोत्साहित करती है।

2. अच्छा सोचो, अच्छा होता है

किसी गाँव में एक छोटे से लड़के का नाम राजू था। वह बहुत ही अच्छा और सजग बच्चा था, लेकिन वह हमेशा गुस्सा करता था। उसकी मम्मी ने उसे कई बार कहा कि “बेटा, तुम्हें हमेशा गुस्सा क्यों आता है? गुस्से से कोई भी समस्या हल नहीं होती।”

राजू ने कभी अपनी मम्मी की बात नहीं मानी और वह हमेशा गुस्से में रहता था। एक दिन, वह अपने दोस्त के साथ खेल रहा था और एक छोटी सी बात पर गुस्सा कर बैठा।

उसके दोस्त ने कहा, “राजू, तुम गुस्से में क्यों रहते हो? गुस्सा करने से तुम्हारे साथियों को बुरा लगता है।”

राजू ने सोचा और उसने गुस्से को दबा दिया। उसने अपने दोस्त से माफी मांगी और खेल को फिर से शुरू किया।

वह दिन बदल गया। राजू ने सीख लिया कि गुस्सा करने से कुछ भी नहीं होता, बल्कि अच्छा सोचने और समस्याओं को ठीक से समझने से समस्याओं का सही समाधान मिल सकता है।

इसके बाद से, राजू ने गुस्से को अपने दिल से निकाल दिया और वह हमेशा पॉजिटिव और अच्छे तरीके से सोचने लगा। वह खुश और संतुष्ट रहता था, और उसके दोस्त भी उसके साथ खुश रहने लगे।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें हमेशा पॉजिटिव तरीके से सोचना चाहिए और गुस्सा करने से समस्याओं का समाधान नहीं होता। अच्छा सोचने से हम अपने जीवन को खुशी से भर सकते हैं।

3. दोस्ती का महत्व

एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव में दो दोस्त राजू और श्याम रहते थे। वे बचपन से ही अच्छे दोस्त थे और हमेशा एक-दूसरे के साथ खेलते, पढ़ाई करते, और मिलकर बड़े होते थे।

एक दिन, उन्होंने एक बड़ी विशेष प्राणी की चर्चा की, जिसका नाम शेर सिंह था, जो उनके गाँव के पास जंगल में रहता था। उन्होंने सोचा कि यह उनका सबसे बड़ा साहस होगा अगर वे शेर सिंह को देखने का अवसर पा सकें।

राजू और श्याम ने मिलकर तय किया कि वे शेर सिंह के पास जाएंगे। वे अपनी तैयारियों को पूरा किया और जंगल में चले गए।

वे जंगल में पहुँचकर बड़े खुश थे, लेकिन फिर वे शेर सिंह के सामने पहुँचे और वे बिल्कुल भी खुश नहीं थे। शेर सिंह बड़ा भयंकर और खतरनाक दिखता था।

शेर सिंह ने उनसे कहा, “तुम यहाँ क्या कर रहे हो? तुम्हें यहाँ नहीं आना चाहिए।”

राजू और श्याम ने डर के बावजूद अपनी दोस्ती की महत्व को याद किया और शेर सिंह को अपने दोस्त बताया। वे शेर सिंह के साथ दोस्ती करने की कोशिश करते हैं।

शेर सिंह थोड़ी देर में हंसते-हंसते उनके दोस्त बन गए और वे सबसे अच्छे दोस्त बने। शेर सिंह ने उन्हें अपने जंगल के राजा की तरह स्वागत किया और उनके साथ अच्छे दिन बिताए।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि दोस्ती का महत्व कितना महत्वपूर्ण होता है। अपने दोस्तों के साथ आपसी सहयोग और विश्वास रखने से हम जीवन को खुशी और सार्थक बना सकते हैं।

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