छठ पूजा बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, और पूर्वी उत्तर प्रदेश मे मनाया जाने वाला त्यौहार है। छठ पूजा कब है, इस बात को जानने के लिए आप नीचे और भी जानकारी ले सकते है। यह हिन्दू धर्म मे मैने जाने वाले सबसे बड़े त्योहार मे से एक है।
यह त्योहार हिन्दू पंचांग के हिसाब से इस बार 19 नवंबर को मनाया जाने वाला है। यह त्योहार उत्तर भारतीयों मे कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष के चतुर्थी से लेकर सप्तमी तक मनाया जाता है। इसमे सूर्य भगवान की पूजा की जाती हैं। और सुहागिन औरतें अपने पति के लिए व्रत भी रखती है।
छठ पूजा कब है?
छठ पूजा पर 36 घंटों तक निर्जल व्रत रखना पड़ता है। यह सबसे कठिन त्योहार मे से एक है, इसने सभी चीजों का काफी ध्यान रखना होता है। यह महापर्व इस बार 17 नवंबर से शुरू होगा और इस दिन शुक्रवार का दिन है। शुक्रवार के दिन नहाय खाय किया जाता है, 18 नवंबर यानी शनिवार की खरना किया जाएगा।
19 नवंबर के दिन रविवार होगा और इस दिन छठ पूजा की जाएगी। इस दिन सूर्य को अघ्र्य दिया जाएगा, 20 नवंबर के दिन सोमवार की छठ पूजा की जाएगी। सोमवार के दिन ही उगते हुए सूर्य को अघ्र्य दिया जाएगा। इस तरह से यह पूजा सोमवार के दिन तक पूरी जो जाएगी।
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छठ पूजा मे रखे ज़न खास बातों का ध्यान
आपको छठ पूजा के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना होता है। सबसे पहले तो सभी नियमों का पालन अच्छे से करे। इस व्रत मे सभी नियम का बहुत महत्व है। इसके अलावा जो भी व्यक्ती इस व्रत को करतार है उसको दूसरे लोग परेशान ना करे और उसका ध्यान भी रखे।
- छठ पूजा सूर्य देव, उनकी छठी बहन छठी मैया उनकी पत्नी उषा और प्रत्युशा की पूजा होती है।
- छठी मैया ब्रह्मा जी पुत्री मानी जाती है यह सन्तान की रक्षा के लिए उत्तरदायी हैं।
- डूबते हिय सूर्य को अघ्र्य इसलिए दिया जाता है क्योंकि अगर परिस्थिति खराब है तो वह ठीक भी जरूर होगी।
- छठ पूजा मे चढ़ाए गए प्रसाद से ही अपना व्रत खोलने की भी मान्यता हैं, इसके अलावा कच्चे दूध से व्रत खोलना चाहिए।